सफ़र पे चलते हुए.........
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो सभी है भीड़ में जो तुम भी निकल सको तो चलो ....
सोमवार, 19 अप्रैल 2010
सफ़र पे चलते हुए
ख़ुद से पूछूँ जो कहाँ हूँ मैं ...जवाब में एक हंसी या आह सी हैं ....
Ask yourself where I am… There is a laugh or a sigh in the answer….
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