सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो सभी है भीड़ में जो तुम भी निकल सको तो चलो ....
चाँद के सिक्के उछालो कोई
उजालों की खनक सुना दो कोई
चाँदनी की आवाज़े जब
छन्न –छन्न सी गिरती है
तो उस सफ़ेद, खन खनाहट में
मै भी कुछ अमीर सी हो जाती हूँ ...