शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

 

चाँद के सिक्के उछालो कोई

उजालों की खनक सुना दो कोई

चाँदनी की आवाज़े जब

छन्न छन्न सी गिरती है

तो उस सफ़ेद, खन खनाहट में

मै भी कुछ अमीर सी हो जाती हूँ ...

 

 


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