सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी है भीड़ में जो तुम भी निकल सको तो चलो ....
शुक्रवार, 31 जुलाई 2020
मुंशी जी
मुंशी जी हर युग के एक महान कलमकार ... उनको पढ़ना जैसे जीवन का आईना देखने जैसा है ... उनके बारे में कुछ लिखना भी सूरज को दिया दिखाने जैसा है | हिन्दी साहित्य इनके बिना पंगु सा नज़र आता है | प्रेमचंद जी कल्पनाओ से बाहर निकाल कर हक़ीक़त की दुनिया से हम सभी को वाकिफ कराने के साथ साथ जीने की कला भी सिखाते है | आज इस महान कलमकार को मैं शत शत नमन करती हूँ ...|
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