सोमवार, 15 जनवरी 2024

मकर संक्रांति का पर्व क्यों मनाया जाता है ?

 

 

मकर संक्रांति एक हिन्दू त्योहार है जो सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक का समय होता है, जिसे 'मकर संक्रांति' कहा जाता है।

 

मकर संक्रांति को भारतवर्ष में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे मकर संक्रांति, पोंगल (तमिलनाडु), उत्तरायण (गुजरात और राजस्थान), मघु संक्रांति (असम), माघ बिहु (असम), खिचड़ी संक्रांति (बंगाल), तिल संक्रांति (महाराष्ट्र) आदि।

 

मकर संक्रांति का महत्व है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण की दिशा में बदल जाता है, जिससे दिन का समय बढ़ता है और रात का समय कम होता है। इसे सूर्य के उत्तरायण के समय के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है, जो किसानों के लिए फसलों की उच्च उपज और शुभ फल की प्राप्ति का संकेत माना जाता है। इसे विशेष रूप से दान और धर्म का मौसम माना जाता है, जब लोग अपनी दान और पुण्य कार्यों को बढ़ाते हैं।




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