सफ़र पे चलते हुए.........
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो सभी है भीड़ में जो तुम भी निकल सको तो चलो ....
मंगलवार, 2 अप्रैल 2019
ये क्या हुआ है
मन बावरा है
जाने ये क्या हुआ है
सपना था कोईनींद से जगा है
कैसे इसको बताऊतूखुद से ठगा है ...
कब तक ना समझे
किस भ्रम में पड़ा है ..
भटकती ये राहें
बस,तेरी सज़ा है ...
मन बावरा है ...
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