मुंशी जी हर युग के एक महान कलमकार ... उनको पढ़ना जैसे जीवन का आईना देखने जैसा है ... उनके बारे में कुछ लिखना भी सूरज को दिया दिखाने जैसा है | हिन्दी साहित्य इनके बिना पंगु सा नज़र आता है | प्रेमचंद जी कल्पनाओ से बाहर निकाल कर हक़ीक़त की दुनिया से हम सभी को वाकिफ कराने के साथ साथ जीने की कला भी सिखाते है | आज इस महान कलमकार को मैं शत शत नमन करती हूँ ...|
सोमवार, 22 जून 2020
सुशांत सिंह राजपूत की मौंत ये याद आते ही बहुत कुछ होता है दिमाग में दिल में , सुशांत एक ऐसा नाम जो दुनियाँ जानती है पहचानती है, वो दर्द बहुत पास से गुज़रता है ...| पर आज भी बहुत से ऐसे नाम है जिनको हम नहीं जानते और उनके साथ भी ऐसा होता आया ,और अभी भी शायद बहुत कुछ घट रहा हो ... पर हम सब, आप सब सभी अंजान है ... शायद फिर कोई जान चली जाए... ऐसा क्यूँ ! कौन है इनके गुनहगार ,कौन है ये लोग ? नहीं पता ! सोचिए कहीं हम सब ही तो नहीं ...
एक जवान बेटे की चिता को अग्नि देता वो पिता ...उफ़ ! हमारे चारो ओर कुछ बादलाव की ज़रूरत है पर क्या ये हमे सोचना है ...और उनपर अमल भी, ताकि हमारे लोग ये जीवन खुल कर जी सके ,खुसियाँ और दुख दोनों पाहलुओ को ठहर कर देख और जी सके ...| धन्यवाद